
हफ्ते भर से बैंगलोर में बारिश हो रही है, जाने कहां से आसमान में इतने बादल उमड़ते आ रहे हैं, दोपहर बाद, शाम और फिर सारी रात बरसते पानी का शोर सुनाई देता रहता है. तेज बारिश होते ही यहां सड़कों पर पानी उमड़ पड़ता है. बसें, कारें, बाइक्स जैसे किसी छिछली नदी से गुजरने लगते हैं. ऐसी ही एक बरसती शाम को मैंने इस शहर के वो इलाके भी देखे जिनका चौड़ी सड़कों, शापिंग कांप्लेक्स और कानों में इयरफोन लगाए मोबाइल और आईपॉड से गाने सुनते आईटी वालों की दुनिया से कोई वास्ता ही नहीं है.
मेन रोड से मैं एक संकरी गली में घुस गया. पत्थर रखकर बनाया गया रास्ता... लगता है किसी के घर के आंगन से होकर गुजर रहे हैं. दोनों तरफ नीची छतों वाले गहरे हरे रंग से पुते मकान, जिनमें बैठे लोग इतने पास दिखते हैं कि आप उन्हें हाथ बढ़ाकर छू भी सकते हैं.. या खिड़की से कोई सामान उठा सकते हैं. तंग गली एक भीड़भाड़ वाली सड़क तक जाकर खत्म होती है. यह दूसरी दुनिया है. मानो ब्लैक होल से होकर यूनीवर्स का दूसरा दरवाजा खुलता है. यहां एलीट क्लास के रिजर्व आटो नहीं चलते, एक पर तीन से पांच सवारी बैठती है. ऊपर से गिरती फुहार और सड़क पर बहते मटियाले पानी के बीच लोग भागते नजर आते हैं. एक-दुसरे से जुड़ी दुकानों की अंतहीन कतार.. यह सिलिकॉन सिटी की तलछट है या असली बंगलुरु?
सस्ते सिंथेटिक कपड़े का प्रिंटेड सलवार कुर्ता पहने, बालों की जैसे-तैसे चुटिया बनाए कदम जमाती उदास सांवली लड़कियां, बच्चों को गोद मे लेकर छतरी लगाए, बालों को फूलों से सजाए खरीद-फरोख्त के बाद घर जाती औरतें, मजदूर, मुस्लिम परिवार, कारीगर, छोटे दुकान वाले.. हर कोई इस कीचड़ में तेजी से भागता जा रहा है.
गणेश चतुर्थी यहां धूमधाम से मनाई जाती है. जगह-जगह सजावट है. कहीं मंच पर नाटक चल रहा है. रंग-बिरंगी उदास झालरों के बीच छतरी लगाए लोग संवाद सुन रहे हैं. पीछे सिनेमा के पोस्टर की तरह एक परदा लगा है. तीन पात्र खड़े होकर जोर-जोर से डायलाग बोल रहे हैं. एक नेता बना है और एक गुंडा.. आगे बस स्टाप पर भीड़ है. हर बार बस हरहराती हुई आती है और सबको भरकर ले जाती है. देखते-देखते फिर स्टाप पर उतने ही लोग इकट्ठा हो जाते हैं. आटो बीते बीस मिनट से इस पानी के गड्ढ़ों से भरी सड़क पर डोलता चला जा रहा है. लगता है किसी अंतहीन सुरंग से होकर गुजर रहे हैं. .. लेकिन मुझे तो यहीं एक अनजान सी जगह पर उतरना है... मेरा स्टाप आ गया....
चित्र अल्पना के ब्लाग से साभार